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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-14)

                
- कुछ बदलाव किए है पार्ट 11 से ...कुछ ज्यादा ही जरूरी थी उम्मीद है आप हमे समझेंगे ....आप वापस से पढ़ लेंगे तो अच्छे से समझ आ जायेगा ..देर पार्ट इसलिए हुआ ।


पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि आनंद हल्दी कि शाम मे कुछ धमाल करने कि सोचता है ,
अब आगे 
.......


विहान - (आनंद से ) ऋषभ भाई को तो बुलाओ 
आनंद - ओह रियली भाई....फिर तो  उन्हे बुलाने का रिस्क  आप ही ले लीजिए...
विहान - ( हंसते हुए ) ना ना ये शुभ काम किसी और को दो ...
(सब लोग हंसने लगते है )

{  फिर सारे  ब्वॉयज़ सोचने लगते है कि आखिर ऐसा क्या धमाल करे ......तभी आनंद और रेहान  एक साथ ही बोलते है मिल गया आइडिया की क्या करना है ...दोनों लोग अपने अपने प्लांस सभी लोगो को बताते है तो आदि कहता है ,

आदि - वाह आइडिया तो बहुत सही है सोच कर ही मजा आ रहा है......पर  तुम्हे क्या लगता है कि ऋषभ मानेगा ....
आनंद - मानेगा तो उसका बाप भी मेरा मतलब बिल्कुल मानेंगे ....
अर्थ  -( हंसते हुए )  चलो ठीक है फिर ...मै और रेहान मॉम को बता कर आते है ताकि वो मान जाए ..........
(वो दोनो फिर चले जाते हैं और  आनंद , आदि फोन पर बिज़ी हो जाते तभी विहान आंखे बड़ी बड़ी किए हुए कहता है ,)

विहान - अरे लड़कियों को तो बता दो हमारे प्लान के बारे में ....
आनंद - भाई जान टविंकि जी को सब पता है......
विहान - (घूरते हुए) सब पता है !!!!
आनंद - ज्ञानी बाबा ने बताया है मतलब ....मैंने 😄
विहान - देख रहा है तुम्हे मै.......हो सके तो दूर रहने कि कोशिश करो उनसे ...
आनंद -( हंसते हुए ) ओह हो कोइ जल गया 
उसका दिल गया ...

( विहान गुस्से में पैर पटकते हुए वहां से चला जाता हैं )

आदि -  आनंद विहान से थोड़ा कम मजाक किया करो आजकल वो कुछ ज्यादा ही गदाधारी भीम बन रहा है ।
आनंद - हाहाह मजा आता है उन्हे परेशान करके ।


..........


दूसरी तरफ टविंकी  सभी लड़कियों को प्लान बताती है तो सब तैयार हो जाती है ।  तभी आनंद .... ट्विंकी  को काल करके अपने कमरे में बुलाता है सभी लड़कियों के साथ ।
थोड़ी देर बाद ही सब पहुंच जाती है तो देखती है कि ब्वॉयज वहां पहले से ही है , तब  आनंद कहता है 

आनंद - भाईयो और उनकी बहनों 😄यहां इसलिए बुलाया है ताकि हम सभी लोगो मे से कोई सोच सके कि भाई - भाभी को कैसे बुलाया जाए ....
अनन्या - ये आप लोग मुझ पर छोड़ दीजिए 😎
रेहान - क्या सच में.....(आनंद से हंसते हुए 🤣) भाई कोई और प्लान बना लो क्योंकि मुझे पता है ये वाला प्लान काम नहीं करेगा ...
अनन्या  -( गुस्से में ) तो आप ही कोई आइडिया दे दो ना ...
आनंद - शांत बच्चा लोग...(अनन्या से  ) आप प्लान बताइए ...
( अनन्या पूरे जोश में  फिर सबको अपना प्लान बताती है तो सब कहते है वाह क्या दिमाग लगाया है आपने )
अनन्या - ओह शुक्रिया मित्रो 😄अब सब लोग काम पर लग जाओ ।

(सब लोग एक साथ बोलते है यस बॉस )

........

अनन्या भागती हुई ऋषभ के कमरे के सामने जाती है और जोर जोर से  दरवाजे  पर मारने कहती है तो ऋषभ कहता है ,
ऋषभ - कौन है ?
अनन्या - जी जी जीजू मै  अनन्या ..जल्दी से दरवाजा  खोलिए

( ऋषभ .. अनन्या की ऐसी आवाज सुनकर हैरानी से  दरवाजा खोल देता और कहता है ,)
ऋषभ - क्या हुआ ..आप  इतनी हाफ़ क्यों रही हो ...
अनन्या - वो वो ...अवनी ...संगीत रूम...

( ऋषभ पता ही नहीं क्यों पर अवनी का नाम सुन घबरा कर बिना आगे कुछ सुने वहां से भागकर संगीत रूम की तरफ चला जाता है )
अनन्या -  (पसीना पोछते हुए ) शुक्र है काम पूरा हो गया ....

दूसरी तरफ रेहान ... अवनी को बताता है कि ऋषभ सीढ़ियों से गिर गया है और संगीत वाले रूम में बैठा है तो अवनी भी बिना कुछ पूछे संगीत रूम में चली जाती है । जैसे ही वो दरवाजा खोलकर अंदर जाती है वहां अंधेरा हो जाता है ,
अवनी - ( खुद से ही बोलती है ) ये क्या मुसीबत है अब अंधेरे में ऋषभ  जी को कैसे फाइंड करूंगी .......

( धीरे धीरे अवनी आगे बढ़ने लगती है और सामने से ऋषभ भी , अचानक से  ही दोनों एक दूसरे से टकरा जाते जिससे अवनी गिरने लगती है तो ऋषभ उसे अपने बाहों मे पकड़ लेता है तभी लाइट आ जाती है और उनके ऊपर गुलाब के फूलों की बरसात होती है  और एक गाना बजता है ,

तेरी मुस्कुराहटें हैं ताक़त मेरी 
मुझको इन्ही से उम्मीद मिली  
चाहे करे कोई सितम ये जहां 
इनमें ही है सदा हिफाज़त मेरी 
ज़िंदगानी बड़ी ख़ूबसूरत हुई  
जन्नत अब और क्या होगी कहीं  
जो तू मेरा हमदर्द है  
जो तू मेरा हमदर्द है  

दोनों एक दूसरे की आंखो मे ही खोए हुए होते है। उन दोनों को ये आभास भी नहीं होता कि सब लोग उन्हे देख रहे है तभी आनंद कहता है ,
आनंद - वाह जनाब ...क्या मस्त छूपेरुस्तम निकले आप दोनों ....
(आनंद की आवाज सुनकर वो दोनो  हैरानी से सामने देखते है और  दूर दूर हो जाते है .... )

विहान -  ओह सॉरी भाई ..( आनंद को गुस्से में देखते हुए ) चलो यहां से अच्छा खासा रोमांस चल रहा था आकर डिस्टर्ब कर दिया....
अवनी - अरे ...अरे नहीं ...ऐसा कुछ भी ...
जाहन्वी- (ही ही 😂) इट्स ओके यार हम जाते है ..चलो सब ...
( जैसे ही सब जाने लगते है ..ऋषभ उन्हे रोक लेता है और कहता है )
ऋषभ - प्लान किसका था ?

( सब एक दूसरे को देखने लगते है तब आनंद कहता है )

आनंद - हां भाई कैसा प्लान ? किसका  प्लान ? हम तो किसी प्लान वलान को नहीं जानते ....(हैरानी से ) आप लोग जानते हो क्या ?
( सब एक साथ बोलते है नहीं )
ऋषभ - ठीक है

( फिर ऋषभ......अवनी का हाथ पकड़ता है और उसे रूम से बाहर लेकर आ जाता है और रूम  लॉक कर देता ..तो अवनी पूछती है ,)
अवनी - ये क्या कर रहे है आप ? सब लोग तो  अंदर है ...
( ऋषभ  कोई जवाब नहीं देता है और आनंद को काल कर ता है,
आनंद - ओए भाई 🙄ये क्या हमे क्यों लॉक कर दिया ???
ऋषभ - कुछ नहीं भ्राता...... बस हल्दी कि रात कुछ धमाल करना चाहता था मै ......तो शुरू करो अब अपना कपल डांस  ....
अनन्या ( आनंद से फोन लेकर )नहीं नहीं ऋषभ  ...अभी कल ही तो संगीत हुआ था ...अभी मन नहीं है ...
ऋषभ - मै डोर तभी ओपन करूंगा जब सब लोग डांस करेंगे वरना हैव ए स्वीट्स ड्रीम्स ....और लाइट ऑफ कर देता है ...
आनंद - भाई लाइट ऑन करो ...हम डांस शुरू करते है ...
ऋषभ -( लाइट ऑन करके ) that's my good child ..... और चालाकी मत करना मै सब देख रहा हूं कैमरे से ..
आदि -( विहान से ) मार लिया अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी ...आए तो उसे नचाने और खुद नाच रहे है ....

( सब लोग जोड़ी मे आ जाते है और विहान .. टविंकि के पास जाकर डांस के लिए कहता है तो वो उसे देखती है  और फिर मान जाती है । बचे खुशी और आनंद ....दोनों एक दूसरे को तरफ देखते है और खुशी मन में सोचती है ( मजबूरी है इसलिए आ रही ) और आनंद सोचता है ( मौका अच्छा दिया है भाई ने ....भाई कि जय हो 🤣😆) सब लोग डांस शुरू कर देते है और ऋषभ गाना चला देता और अवनी अपने रूम मे चली जाती है एन वही से सोंग सुनती है ,

तुझे देख देख सोना, तुझे देख कर है जगना
मैंने ये जिंदगानी, संग तेरे बितानी
तुझमें बसी है मेरी जान हाय
जिया धड़क धड़क, जिया धड़क धड़क, जिया धड़क धड़क जाए


इतने प्यारे गाने को सुनकर सब डांस करने  लग जाते है और ऋषभ फिर  धीरे से डोर ओपन करके वहां से अपने कमरे में चला जाता है ...

दूसरी तरफ अवनी अपने बिस्तर पर लेटे हुए गाने को महसूस करके कहती है पता नही ये क्या है ...इनकी हरकते इनपर प्यार दिला देती है पर ( थोड़ा सोचकर ) नही नहीं अवनी तू ये सब नहीं सोच सकती ....और फिर सो जाती है ।

...............

अगली सुबह अवनी.. निहारिका जी का दिया हुआ ड्रेस पहन कर उनके कमरे में जाती है,
निहारिका जी उसे देखकर कहती है वाउ कितनी खूबसूरत लग रही हो तुम ....
अवनी - थैंक्स मॉम ....पर ये आपने अपनी ड्रेस मुझे क्यों दी ?
निहारिका जी - अरे मै क्या करूंगी इस ड्रेस का ....वैसे भी ये मैंने तुम्हारे लिए लिया था 
(पीछे से आवाज आती है )
आनंद - हा हा सब कुछ भाभी के लिए ही ले लीजिए हम तो है ही नहीं ना .....
निहारिका जी - (अवनी के पीछे खड़े आनंद को देखती और कहती है अवनी से ) बेटा ये ड्रेस आनंद को दे दो ..आज वो मेंहदी मे यही पहनेगा .....(ही ही )
आनंद -(आंखे टेढ़ी करके ) मॉम .....आप भी मजाक कर रही है..... यहां मेरी कमर टूट गई नाच नाच कर .....
निहारिका जी-(हंसते हुए )  तभी कह रही थी जल्दी से शादी कर लो ...
आनंद - (मुंह फुलाए ) मॉम मै आपसे अब बिल्कुल बात नहीं करूंगा ..(और उनके कमरे में जाकर लेट जाता है )
अवनी - मॉम (आनंद की तरफ इशारा करके )
निहारिका जी - आह .....उसकी चिंता मत करो मजाक कर रहा है मेरा ज्ञानी बाबा .....

(अवनी फिर वहां से चली जाती है , सब लोग मेंहदी कि तैयारी करने लग जाते है ...सारा हॉल  फूलो से लिखे  ऋषभ - अवनी के नाम से सजाया जाता है ,मेंहदी का प्रोग्राम शाम को शुरू करने का प्लान बनता है ।
शाम तक सारे लोग तैयार होकर हाल में आ जाते है ।

सबसे पहले ब्वॉयज़ आते है सभी ने हरे रंग के कुर्ता - पयजामा पहन रखे होते है .....और ऋषभ ने ये ,

उसके बाद सारी लड़कियां आती है हरे रंग के लेहेंग पहने हुए ...और अवनी ने ये ,

जब सब लोग आ जाते है तो निहारिका जी ऋषभ और अवनी को एक साथ स्टेज पर बिठा देती है 

और फिर मेंहदी की रसम शुरू हो जाती है । सारे ब्वॉयज भी लड़कियों के पास ही जाकर बैठ जाते है तो श्वेता जी कहती है ,
श्वेता जी - .( ब्वॉयज़  से ) आप लोगो को भी मेंहदी लगवानी है क्या  ?

(सब एक साथ कहते जी आंटी जी )
श्वेता जी - तो लगवाओ ना बैठे क्यों हो ....

( फिर क्या सब मेंहदी लगाने वाली को घेर कर बैठ जाते है और एक साथ ही बोलते है ...हमे भी लगा दो ,हमे भी ....)
निहारिका जी - अरे अरे सब्र करो ....आराम से बारी बारी से लगवाओ ....
सब - जी माता जी ...

मेंहदी लगते समय गाना बजता है ,

मेहँदी है रचनेवाली, हाथों में गहरी लाली
कहें सखियाँ, अब कलियाँ, हाथों में खिलने वाली हैं
तेरे मन को, जीवन को, नई ख़ुशियाँ मिलने वाली हैं

हो हरियाली बन्नो
ले जाने तुझको गुईयाँ
आने वाले हैं सैयाँ
थामेंगे आ के बईयाँ
गूँजेगी शहनाई
अंगनाई-अंगनाई
मेहंदी है रचनेवाली...


दूसरी तरफ ऋषभ की नजरे न चाहते हुए बार बार अवनी की तरफ़  देखने में लगी होती हैं,जो मेंहदी लगवाते टाइम अपनी मेंहदी को देखकर मुस्कुरा रही होती है तो  तभी मेंहदी वाली पूछती है क्या नाम लिखूं ,

अवनी ..ऋषभ की तरफ देखने लगती है तो ऋषभ ... हड़बड़ा के दूसरी तरफ अपने नजरे फेर लेता है है .....अवनी फिर मेंहदी वाली के नजदीक जाकर धीरे से कहती है ऋषभ लिखिए .......थोड़ी देर बाद अवनी की मेंहदी पूरी है जाती है तो निहारिका जी (ऋषभ से कहती है ) बेटा तुम क्यों नहीं मेंहदी लगवा रहे ?
ऋषभ - मॉम आपको पता है ना मुझे पसंद नहीं ये सब ....
आनंद - भाई जान आराम से बिना कुछ बोले लगवाइए वरना (कान के पास जाकर कहता है ) सबको बता दूंगा उस रात क्या हुआ था .....
ऋषभ  ( आनंद को घूरते हुए अपना हाथ आगे कर देता ) 
मेंहदी वाली - क्या लिखना है ?
ऋषभ - मेरा नाम 
आनंद -(मुस्कुराते हुए ) ओय होय ....मै बताता हुए क्या लिखना है .. लिखिए

{ मिस्टर खडूस अपनी प्यारी दुल्हनिया को ले जाएंगे }

( सब लोग हंसने लगते है ,
रेहान..... अनन्या का नाम अपने हाथो पर लिखवाता है , अर्थ ..... जाहन्वी  का ,  विहान से पूछा जाता है तो वो मेंहदी की ही डिजाइन मे सिर्फ (टी) लिखवाता है और वहां से भागकर रूम मे चला जाता है ताकि कोई मेंहदी ना देख पाए , आदि - रिया एक दूसरे का नाम लिखवाते है और कमरे में चले जाते है ..... टविंकि भी नाम लिखवाती है और जब खुशी से मेंहदी वाली पूछती है किसका नाम लिखना है ??

( तभी पीछे से आवाज आती है 'rohan ')

सब लोग आवाज की तरफ मुड़ते है तो देखते है कि सामने सूट बुट मे (खुशी का मंगेतर - रोहन खड़ा है ) श्वेता जी उठकर  रोहन के पास जाती है और उसे अंदर लेकर आती  है निहारिका जी से कहती है ,
श्वेता जी - निहारिका जी इनसे मिलिए ये खुशी के मंगेतर रोहन है ।
रोहन -(पैर छूकर ) नमस्ते आंटी जी 🙏
निहारिका जी - खुश रहो बेटा 
श्वेता जी - ( निहारिका जी  से ) माफ कीजिएगा आपसे बिना पूछे रोहन को यहां बुला लिया ...वो बात ये थी कि रोहन कुछ ही दिन के लिए भारत आए है तो हमने  सोचा कि यहां बुला लेती हूं इसी बहाने खुशी और रोहन एक दूसरे के साथ समय बिता लेंगे ...

(पीछे आनंद जब ये सुनता है तो चिढ़ जाता है )

निहारिका जी - अरे अरे ये आप कैसी बाते कर रही है ...खुशी तो मेरी भी बेटी हुई ना ...आप ऐसा कह कर मुझे शर्मीदा कर रही है और रोहन बेटा .. इसे अपना ही घर समझो ...चलो आ जाओ और मेंहदी लगवा लो  अच्छा सगुण होता है ।
( निहारिका जी फिर उसे खुशी के पास बिठा देती है ...और उसके बगल में ही आनंद बैठा होता है ..जैसे ही मेंहदी वाली रोहन का ( r) लिखती है उसी टाइम आनंद थोड़ा धक्का दे देता है जिससे (r) -(a) बन जाता है ...... जिसे रोहन गुस्से में आनंद से कहता है ....
रोहन - तुम्हारे पास दिमाग नहीं है क्या ?
आनंद - है ना ..पर में तुम्हे दूंगा नहीं ..
(इतना कहकर आनंद वहां से उठता है तो  टविंकि पूछती है ,)
ट्विंकी - क्या हुआ ?
आनंद - कुछ नहीं देख रहा कि ( बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना है )

(रोहन उसकी बात को सुन लेता है पर कुछ कहता नहीं है )

सब लोग अपनी अपनी मेंहदी लगवा लेते है और  फिर जब डिनर करने चले जाते है तो खुशी कहती है मॉम मै डिनर कैसे करू ....
रोहन - मै हू ना 
खुशी - नहीं नहीं ...मै बाद में  खा लूंगी ...
( फिर वो वहां से अपने कमरे में चली जाती है ताकि आनंद का नाम मेंहदी पर से हटा सके ..पर तब तक मेंहदी सुख चुकी होती है )

दूसरी तरफ अवनी अपने कमरे में ही मेंहदी लगी हुई हाथो से डिनर करने कि कोशिश करती है.....पर नहीं खा पाती है तभी ऋषभ उसके कमरे में आ जाता है और अवनी के हाथो से खाने की प्लेट ले लेता है ,
अवनी - ( घबराकर ऋषभ की तरफ देखकर  ) आप कब आए ?
ऋषभ  कुछ नहीं बोलता है और अवनी को मुंह खोलने के लिए कहता है ......अवनी भी बिना कुछ कहे खाना खाने लगती है तभी आनंद आकर कहता है ....
आनंद - वाह वाह क्या मस्त रोमांटिक सीन चल रहा है

(मोबाइल खोलकर वीडियो बनाने लगता है ) 

ऋषभ - वीडियो बनना बंद करो......
आनंद - ना ना 😆
ऋषभ -  कमरे से बाहर जाओ ...
आनंद - जाता हूं जाता हूं....वैसे भी मै कौन सा यहां भरतनाटयम करने आया हूं 
ऋषभ -(मुस्कुराते हुए ) कल रात तो याद  है ना ....??
आनंद - गुड नाइट  भाई - भाभी ..भागो 

( आनंद के जाने के बाद ऋषभ अवनी की कमर को पीछे से  पकड़ लेता है...और कंधे पर चेहरा रखकर कहता है ,
ऋषभ-  अपना हाथ आगे किजिए ...
(अवनी  की तो सांसे ही अटकने लग जाती है ऋषभ के ऐसे करीब आने पर वो बिना कुछ पूछे अपना हाथ आगे कर देती है और ऋषभ उसमे अपना नाम फाइंड करने लगता है...वही अवनी उसे देख अपने मन में सोचती है ( ये  खडूस  ऋषभ कश्यप है जिसे शादी नाम से चिढ़ है , जिसने कॉन्ट्रैक्ट  मैरिज करने के लिए मुझे मजबूर किया , जिसे प्यार शब्द से चिढ़ है ...विश्वास ही नहीं होता की  ये यही ऋषभ है ....(ऋषभ की तरफ देखकर ) पता ही नही क्यों पर मैं चाहती हु  आप कभी नहीं बदले ...... ऋषभ देर तक बिना किसी भाव के पूरे हाथ को  देखता रहता है कहता है मिल गया नाम मुझे ....अवनी भी मुस्कुरा देती है और कहती ही एक बात कहूं ....
ऋषभ - हां 
अवनी - याद है आपने कहा था कि प्यार भी मत करना  मुझसे........फिर जो आप करते है वो क्या है ?.
(ऋषभ ये सुन उसका हाथ छोड़ देता है और बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है ....इधर अवनी बस उसे जाते हुए देखती रह जाती है )

....

अगली सुबह आदि - रिया ग्राउंड में टहल रहे रोहन को देखते है तो शॉक्ड हो जाते है ..............



❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️



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9 Comments

Sandhya Prakash

01-Feb-2022 12:48 PM

🥰🥰🥰🤣🤣

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Inayat

14-Jan-2022 03:59 PM

अवनि ने तो ऋषभ को ही चुप करा दिया। ऋषभ को खुद पता नही वह क्या चाहता है।

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Arshi khan

09-Jan-2022 12:51 PM

Shuru hui ek anjani kahani, begani shadi me abdulla diwani.😊😊

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